मूल भारतीयों की पार्टी ; नेटिव पीपल्स पार्टी :
नेटिव पीपल्स पार्टी सभी मूल भारतीयों की पार्टी है ,यही भारत की मुख्य धारा है जो गैर ब्राह्मण है। यहाँ विदेशी ब्राह्मण और विदेशी ब्रह्मिनो को अपने रिस्तेदार और दोस्त मानाने वाले अम्बेडकरी धर्म परावर्तित नव बुद्धिस्ट और ब्राह्मण दोनों को व्यर्ज किया गया है। ये दोनों भाई बही है। ममेरे भाई , या जो भी कह लीजिये , ये कभी विदेशी ब्राह्मण और ब्रह्मिणवाद को डिल से विरोध नहीं करते , उलटे कहते है , ब्राह्मण ठीक है , ब्रह्मिणवाद बुरा है। यह दोगले लोग है। . एक तरफ जातिवाद को विरोध का नाटक करते है दूसरी तरफ धर्मात्मा कबीर का सत्य हिन्दू धर्म जहा वर्ण , जाती , भेदभाव नहीं है , जनेऊ नहीं है , वेद भेद नहीं है उसे सच्चा हिन्दू धर्म मानाने से इंकार करते है और विदेशी ब्राह्मण धर्म जो हिन्दू के लिए हानिकारक है उसे हिन्दू पर जबरदस्ती से थोपना चाहते है।
हम कहते है हिन्दू वह जो ब्राह्मण नहीं तो कतराकर भाग जाते है , ब्रह्मिनो से शादी करो कहते है तो हम पूछते है उस से क्या होगा ? ब्राह्मण पूष है तो बच्चे ब्राह्मण ही होंगे और ब्राह्मण स्त्री है तो वो गैर ब्राह्मण मर्द को ब्रह्मिनिस्म मानाने में मजबूर कर देंगी। इतनी छोटी सी बात के दिमाग में नहीं घुसती है।
हम साफ साफ सब्दो में कहते है , विदेशी ब्रह्मिंस भारत छोडो , ये नहीं कहते। हम कहते है जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो , ये नहीं कहते , हम कहते है हिंदुत्व वही , जिस में ब्राह्मण बिलकुल नहीं ,ये नहीं कहते। ये लोग गैर ब्रह्मिनो के किसी काम के नहीं बस अपने में ही लड़ते झगडते रहते है। बड़े या तो नादाँ है या पक्के ब्रह्मिणवादी , क्या है यही बतावे ?
हम कहते है जब कबीर के सत्य हिन्दू धर्म में वर्ण , जाती , बीएड , वेद नहीं तो खालीपीली धर्म परिवर्तन की जरुरत क्या ? इनके पास कोई जवाब नहीं !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत,
प्रचार ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा
प्रेजिडेंट ,
नेटिव पीपल्स पार्टी
नेटिव पीपल्स पार्टी सभी मूल भारतीयों की पार्टी है ,यही भारत की मुख्य धारा है जो गैर ब्राह्मण है। यहाँ विदेशी ब्राह्मण और विदेशी ब्रह्मिनो को अपने रिस्तेदार और दोस्त मानाने वाले अम्बेडकरी धर्म परावर्तित नव बुद्धिस्ट और ब्राह्मण दोनों को व्यर्ज किया गया है। ये दोनों भाई बही है। ममेरे भाई , या जो भी कह लीजिये , ये कभी विदेशी ब्राह्मण और ब्रह्मिणवाद को डिल से विरोध नहीं करते , उलटे कहते है , ब्राह्मण ठीक है , ब्रह्मिणवाद बुरा है। यह दोगले लोग है। . एक तरफ जातिवाद को विरोध का नाटक करते है दूसरी तरफ धर्मात्मा कबीर का सत्य हिन्दू धर्म जहा वर्ण , जाती , भेदभाव नहीं है , जनेऊ नहीं है , वेद भेद नहीं है उसे सच्चा हिन्दू धर्म मानाने से इंकार करते है और विदेशी ब्राह्मण धर्म जो हिन्दू के लिए हानिकारक है उसे हिन्दू पर जबरदस्ती से थोपना चाहते है।
हम कहते है हिन्दू वह जो ब्राह्मण नहीं तो कतराकर भाग जाते है , ब्रह्मिनो से शादी करो कहते है तो हम पूछते है उस से क्या होगा ? ब्राह्मण पूष है तो बच्चे ब्राह्मण ही होंगे और ब्राह्मण स्त्री है तो वो गैर ब्राह्मण मर्द को ब्रह्मिनिस्म मानाने में मजबूर कर देंगी। इतनी छोटी सी बात के दिमाग में नहीं घुसती है।
हम साफ साफ सब्दो में कहते है , विदेशी ब्रह्मिंस भारत छोडो , ये नहीं कहते। हम कहते है जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो , ये नहीं कहते , हम कहते है हिंदुत्व वही , जिस में ब्राह्मण बिलकुल नहीं ,ये नहीं कहते। ये लोग गैर ब्रह्मिनो के किसी काम के नहीं बस अपने में ही लड़ते झगडते रहते है। बड़े या तो नादाँ है या पक्के ब्रह्मिणवादी , क्या है यही बतावे ?
हम कहते है जब कबीर के सत्य हिन्दू धर्म में वर्ण , जाती , बीएड , वेद नहीं तो खालीपीली धर्म परिवर्तन की जरुरत क्या ? इनके पास कोई जवाब नहीं !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत,
प्रचार ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा
प्रेजिडेंट ,
नेटिव पीपल्स पार्टी
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